{{विशेष सूचना }}

आप लौस प्रॉफिट के हकदार खुद है इससे इस ब्लॉग का कोई

लेना देना नहीं है इसमें जो भी टिप्स दी जाती है वह मार्किट रिसर्च के अनुसार है इसमें दी गयी जानकारी गलत भी हो सकती है उसके लिए ब्लॉग वाले की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी !

धन्यबाद

शेयर बाजार जानकारी > WHAT IS SHARE MARKET

शेयर बाजार  या शेयर मार्किट में पैसा बनाना बहुत आसान है उसी प्रकार शेयर बाजार में पैसा खोना भी बहुत आसान है। इससे बचा जा सकता है अगर आप स्वंय शेयर बाजार के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें,शोध करें और दूसरों के दिये टिप्स पर न जायें। शेयर बाजार एक खतरनाक खेल है, इसमें कूदने से पहले इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी ले लेना बहुत आवश्यक है। मगर इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए कोई अलग तरह की प्रतिभा या योग्यता ही चाहिए. कोई भी कोशिश करके शेयर बाजार की जानकारी ले सकता है.
आसान हिंदी में शेयर मार्किट की जानकारी मिलना कठिन होता है. 
संशिप्त में शेयर बाजार क्या है?

शेयर का सीधा सा अर्थ होता है हिस्सा। शेयर बाजार की भाषा में बात करें तो शेयर का अर्थ है कंपनियों में हिस्सा। उदाहरण के लिए एक कंपनी ने कुललाख शेयर जारी किए हैं। आप कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने अंश खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने का मालिकाना हक हो गया जिसे आप किसी अन्य खरीददार को जब भी चाहें बेच सकते हैं। आपसे लेकर अधिकतम शेयर खरीद सकते हैं। 

कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना हैं यह उसका विवेकाधीन अधिकार है। बाजार से शेयर बाजार खरीदने/बेचने के लिए कई शेयर ब्रोकर्स होते हैं जो अपने ग्राहकों से सेवा के बदले कमीशन लेते है |
इन कंपनियों के शेयरों का मूल्य मुंबई शेयर बाजार BSE तथा NSE  में दर्ज होता है। सभी कंपनियों का मूल्य उनकी लाभदायक क्षमता के अनुसार कम-ज्यादा होता है। इस पूरे बाजार में नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड SEBI का होता है। इसकी अनुमति के बाद ही कोई कंपनी अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू [आईपीओ] जारी कर सकती है।

प्रत्येक छमाही या वार्षिक आधार पर कंपनियां लाभ होने पर अंशधारकों को लाभांश भी देती हैं। और कंपनी की गतिविधियों की जानकारी से भी रूबरू कराती है।

शेयर बाजार में लिस्टेड होने के लिए कंपनी को बाजार से लिखित समझौता करना पडता है, जिसके तहत कंपनी अपनी हर हरकत की जानकारी बाजार को समय-समय पर देती रहती है, खासकर ऐसी जानकारियां, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों। इन्हीं जानकारियों के आधार पर कंपनी का मूल्यांकन होता है और इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता है। अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते के नियमों का पालन नहीं करती, तो उसे डीलिस्ट करने की कार्रवाई SEBI करता है।

शेयर धारकों  को सबसे पहले ब्रोकर के पास एक डी-मैट  अकाउंट खोलना पड़ता है याद रहे ब्रोकर सेवी से रजिस्टर होना अनिवार्य है नहीं तो आपके साथ धोखा हो सकता है|
उसके लिए आपको एक  ADDRESS PROF /BANK ACCOUNT तथा पेन कार्ड की जरूरत होती है आप ब्रोकर चुन सकते है जैसे
SHAREKHAN LIMITED
ANGEL BROKING
ICICI DIRECT.COM
RELIANCE SECURITIES LTD
INDIABULLS
SBICAP SECURITIES
AXISDIRECT ETC.